सहिष्णुता हमारी ताकत – मुनि जिनेश कुमार।
कटक उड़ीसा: युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी ठाणा – 3 के सान्निध्य में सी.डी.ए. सेक्टर-10 में उत्कल मारवाडी सम्मेलन कटक के अध्यक्ष – सुरेश कमाणी के निवास स्थान पर प्रवचन प्रेरणा कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मारवाड़ी समाज के गणमान्य लोग विशेष रूप से उपस्थित थे।
इस अवसर पर उपस्थित सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा-मनुष्य जीवन की सफलता के पाँच महत्वपूर्ण सूत्र है – सहन करो सफल बनो, संयम करो. सफल बनो, सेवा करो सफल बनो श्रम करो सफल बनो, स्वभाव बदलो सफल बनो। जो सहता है वह रहता है शेष गिर जाते है। सहिष्णुता कमजोरी नहीं अपितु हमारी ताकत है। सहिष्णुता से हमारा जीवन आबाद होता है। सहिष्णुता विकास से घर- घर में होने वाले महाभारत को रामायण में बदला जा सकता है। मुनि ने आगे कहा भीतर से उठने वाली हर नाजायज मांग को अस्वीकार कर देना संयम है। संयम का अर्थ है- आत्म नियंत्रण / असंयम से हिंसा, अपराध बढ़ते है इसलिए व्यक्ति को संयम की दिशा में प्रस्थान करना चाहिए। सेवा दो दिलों को जोड़ती है। जहाँ सेवा भाव होता है वहाँ सामंजस्य की मनोवृत्ति विकसित होती है। सेवा समाज की स्वस्थता का एक महत्वपूर्ण आधार तत्व है। बूढ़े बुजुर्गों को चित समाधि पहुँचाना हर सन्तान का मुख्य दायित्व है उस दायित्व से मुख मोड़ना समाज लिए बहुत घातक है। श्रम से समृद्धि का द्वार खुलता है। श्रम में स्वस्थता का राज छिपा हुआ है। व्यक्ति ने वस्त्र, दुकान, मकान बदल दिये पर स्वभाव नहीं बदला, जब तक स्वभाव नहीं बदलता तब तक जीवन उन्नत व श्रेष्ठ नहीं बन सकता
मुनि ने तात्कालिन बुराईयों पर प्रहार करते हुए मारवाड़ी समाज को मदिरा, मांसाहार और दुराचार से मुक्त रहने की प्रेरणा प्रदान की। मुनि श्री ने मारवाड़ी समाज की अनेक अच्छाईयों का जिक्र करते हुए उनके आध्यात्मिक उन्नयन की मंगल कामना की | सुरेश कमानी की संत भक्ति का भी विशेष उल्लेख मुनि श्री ने किया।
इस अवसर पर मुनि परमानंद ने कहा हमारा दृष्टिकोण मक्खी की तरह नहीं मधुमक्खी की तरह होना चाहिए। जब सभी लोग जागृत होकर अच्छाई के विकास के लिए कार्य करेंगे तब इस घर, परिवार, समाज और देश को स्वर्ग से भी सुन्दर बनते देर नहीं लगेगी -बाल मुनि कुणाल कुमार ने सुमधुर गीत प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर उत्कल प्रदेश मारवाड़ी सम्मेलन के सह-कोषाध्यक्ष पुरुषोतम जी अग्रवाल, नंदगांव गोशाला के महासचिव पदम जी भावसिंगा, मोहनलाल सिंगी , विश्वास हिंदू परिषद के कार्यकर्ता आनन्द जी पाडे, डा. प्रोफ़ेसर अभिषेक जी शर्मा , आदि ने अपने प्रासंगिक विचार रखें । स्वागत एवं आभार आयोजक सुरेश जी कमाणी ने किया। कार्यक्रम का संचालन मुकेश जी सेठिया ने किया।