नंदगांव गौ सेवा आश्रम द्वारा आयोजित नानी बाई रो मायरो कथा का प्रथम दिवस संपन्न |
Sudhakar kumar Shahi (Spl.correspondent)
कटक:नानी बाई रो मायरो नामक संगीत में 3 दिवसीय कथा की शुरुआत के पहले दिन में राधा स्वरूपा पूज्य जया किशोरी जी ने राधे कृष्ण राधे कृष्ण संकीर्तन से करते हुए उपस्थित गौ भक्त जन समुदाय को करुणा वायरस की विविधता से चेताया तथा रूमाल के सदैव व्यवहार करने एवं एक दूसरे को हाथों से संपर्क करने से बचने को कहा। स्थानीय मारवाड़ी क्लब के प्रांगण में समस्त विश्व की माता एवं श्री श्री गोपीनाथ जी की कृपा प्रसाद स्वरूप मंगराजपुर स्थित नंदगांव गो सेवा संघ द्वारा आयोजित त्रि दिवसीय संगीत एवं नृत्य नाटिका का नानी बाई रो मायरो कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
राधा स्वरूपा पूज्य जया किशोरी जी का मातृशक्ति ने बड़ा ही भव्य एवं महत्वपूर्ण स्वागत किया। छोटी बच्चों ने नव दुर्गा का रूप धारण कर जया किशोरी जी का स्वागत किया। आज के मुख्य जजमान श्री विजय खंडेलवाल एवं नथमल सेनानी ने मंच पर जया जी का स्वागत किया। तत्पश्चात श्री कृष्ण लाल जी भर्तियां, श्री कमल कुमार शुक्रिया, श्री देवकीनंदन जोशी, सतनारायण जी अग्रवाल, जी अग्रवाल राजकुमार जी अग्रवाल, मनोज सिंह जी ,हजारीलाल जी मुद्रा, अक्षय जी खंडेलवाल ,संजय जी अग्रवाल, गोपाल जी बंसल, विश्वनाथ जी चौधरी आदि गणमान्य व्यक्तियों ने गौ माता की आरती की नंद गांव के चेयरमैन एवं कार्य के मुख्य संयोजक नंदगांव गौशाला के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही चनानी जी ने बताया कि राजपथ राजपथ पर 66000 के भूखंड का क्रय गौशाला की तरफ से किया गया है इस भूखंड पर 30000 वर्ग फुट पर एक भंडार गृह एवं उद्देश्य का निर्माण किया जाएगा इसके निर्माण के लिए एक ईंट कीमत ₹11 निश्चित की गई है। अतः उन्होंने उपरोक्त भक्तों से घागरो के निर्माण से ज्यादा से ज्यादा सहयोग देने की कामना की।
आज की कथा में जया किशोरी जी ने बताया कि नरसी जी भक्तों का जन्म गुजरात के जूनागढ़ में हुआ था। जन्म से ही गूंगे और बहरे थे। एक शिवरात्रि के दिन नरसी जी अपनी दादी के साथ मंदिर जाते हैं वहां दादी एक साधु से प्रार्थना करती है कि वह नरसी जी को ठीक कर देंगे। साधु महाराज जी के सिर पर हाथ फिरते हैं फल स्वरूप जी बोलने लगते हैं और सुनने लगते हैं। इसके बाद मैं नरसीजी भक्ति में लीन हो जाते हैं एवं सिर्फ और सिर्फ राधा कृष्ण का गुणगान करते हैं। कुछ समय पश्चात दादी ने के गुजर जाने के बाद मैं सिटी अपने बड़े भाई के साथ रहने लगते हैं । नरसी जी की भाभी को नरसी जी जरा से भी अच्छे नहीं लगते हैं। वह उन्हें ठीक से खाने भी नहीं देखी थी और हमेशा जली कटी बातें सुनाती रहती थी। 1 दिन भाभी ने नासिक जी को घर छोड़कर जाने को कहा नरसी जी घर छोड़कर निकल जाते हैं भटकते हुए नरसी जी जंगल पहुंच जाते हैं एवं वहां महादेव जी की तपस्या करने लगते हैं । उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर महादेवी जी प्रकट होते हैं और नरसी जी को वरदान मांगने को कहते हैं उत्तर में नरसी जी कहते हैं कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए उन्हें सिर्फ उनके प्रभु राधा और कृष्ण के दर्शन करा दिए जाएं । महादेव कि उन्हें राधा कृष्ण के दर्शन कराते हैं । नरसी जी भरकर भगवान के साथ रास करते हैं फिर बाद में भगवान बारह पीढ़ी बैठकर बैठ कर खा सके उतना धन देकर वापस भेज देते हैं। जया जी ने बताया कि सच्चे मन और लगन से भगवान भक्ति करने से भगवान अवश्य ही मिलते हैं। साथ ही दया जी ने आज टूटते हुए और एकल परिवार की दशा पर दुख जताते हुए संयुक्त परिवार से जुड़े रहने पर जोर दिया। वंदे गौ मातरम